मानव पाचन तंत्र
मानव पाचन तंत्र एक ऐसा तंत्र है जिससे हमारे शरीर में खाद्य पदार्थों को ऑब्जर्ब करना और उसे पचाना और उससे मिनरल्स और विटामिन लेने के काम करता हैमानव पाचन तंत्र के अंदर बहुत सारे से छोटे-छोटे तंत्र लगे रहते हैं जिनकी सहायता से पूर्व मानव पाचन तंत्र बनता है
मानव पाचन तंत्र हमारे मुख से लेकर हमारे मलाशय तक टोटल ऑर्गन को मानव पाचन तंत्र की श्रेणी में लिया जाता है
मानव पाचन तंत्र के द्वारा उपस्थित मुख में उपस्थित आहार को एंजाइम के माध्यम से अवशोषित कर लिया जाता है
अब आप लोगों के मन में या आ रहा होगा कि पाचन आखिर है क्या?
मैं आपको बता दूं कि पाचन प्रक्रिया ऐसी प्रक्रिया जिसमें खाद्य पदार्थों को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर देना ही पाचन है
मानव पाचन तंत्र के बारे में विस्तार से जानने के लिए आइए देखते हैं उनके प्रमुख अंगों के बारे में
मानव पाचन तंत्र के सभी अंग
1. मुंह (प्रकोष्ठ)
2.गला
3. पेट (पचनान्त्र)
4. छोटा आंत (द्विदोषी आंत)
5. बड़ा आंत (ग्रंथियों और विलेयों के अवशोषण)
अब हम लोग इस सभी तंत्रों के बारे में एक-एक करके विस्तार से अध्ययन करेंगे
चुकी भोजन सर्वप्रथम हमारे मुख से होकर जाते हैं तो पहले हम लोग मुख के बारे में अच्छे से अध्ययन करते हैं
मुंह (प्रकोष्ठ)
पाचन की सर्वप्रथम प्रक्रिया मुख्य से ही स्टार्ट होती है मुख में उपस्थित दांतों के द्वारा भोजन के छोटे-छोटे टुकड़े किए जाते हैं
और हमारी जीभ में तीन लार ग्रंथियां होती हैं जिसकी मदद से भोजन को चबाया जाता है
भोजन को चबाने या पचाने में मुख्य रूप से दो लार ग्रंथिया काम करती हैं एक थोड़ा सा तरह टाइप का होता है
जैसे पानी टाइप का, और दूसरा उससे थोड़ा सा सांन्द्र होता है
पहला जो तरल होता है जैसे कि पानी की तरह होता है वह भोजन को गिला करने का काम करता है
और दूसरा जो उससे थोड़ा सा गाढ़ा या सांद्र होता है
पहला जो तरल होता है जैसे कि पानी की तरह होता है वह भोजन को गिला करने का काम करता है
और दूसरा जो उससे थोड़ा सा गाढ़ा या सांद्र होता है
वह लुब्रिकेट का काम करके भोजन को एक दूसरे से ग्रास करता है
लार मे उपस्थित एंजाइम सलाइवा से भोजन टूकड़ो में तोड़ा जाता है और खाद्य पदार्थों को कार्बोहाइड्रेट को कई टुकड़ों में विभाजित करता है
मुख्यगुहा पाचन का अधिकतर काम शुरू हो जाता है
और बचे हुए भोजन को ग्रास नली के माध्यम से पेट में भेज दिया जाता है
और बचे हुए भोजन को ग्रास नली के माध्यम से पेट में भेज दिया जाता है
गला (ग्रसनी)
यह एक पाइप के समान संरचना होती है इसमें कोई ऐसी ग्रंथी नहीं होती है जो भोजन को पहचान सके यह नली केवल भोजन के परिवहन के लिए प्रयोग होती है जो भोजन को मुख से अमाशय तक पहुंचाती है
आमाशय
यह एक ऐसी जगह होती है जहां भोजन अधिक समय तक स्टोर करके रखा जाता है हम आपसे में बहुत सारे तत्व भोजन से आकर मिलते हैं और उसे पचाने का कार्य करते हैं
इसमें भोजन लगभग 3 से 4 घंटे तक रुकता है और जठर रस स्रावित होता है जिसमे-HCL, पेप्सीन, रेनिन और म्यूकस होता हैँ
यकृत
यकृत में पित्त रस का निर्माण होता है इसे पिता से में इकट्ठा किया जाता है पित्ताशय में कोई भी एंजाइम नहीं पाया जाता है लेकिन यह भोजन को अम्लीय माध्यम से छारीय माध्यम बनाने के लिए कार्यरत होता है
छोटी आंत
छोटी आंत को बेसिकली हम मेंटल आंत कहते हैं यहां पर पाचन की सबसे अंतिम प्रक्रिया होती है
यहां पर पाचन के दौरान भोजन से निकले पोषक तत्व को खून में भेज दिया जाता है यह संक्रमण के कारण होने वाली बीमारियों की रक्षा करने में ही बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
आइए देखते हैं छोटी आंत का कुछ डायग्राम और आकार
छोटी आत लगभग 6 मीटर लंबी होती हैं जो पेट में राउंड शेप में मुड़ी रहते हैं यह तीन हिस्सों में बटी होती है पहला ड्यूडेनम (Duodenum) जिसकी लंबाई 25 सेंटीमीटर तक होती है और दूसरा जेजूनम जिसकी लंबाई ढाई मीटर तक होती है
तीसरा इलियम जिसकी लंबाई सबसे बड़ी लगभग 3:5 मीटर तक होती है
छोटी आत में कई पाचन तंत्र उपस्थित होते हैं जिसका काम भोजन को पूर्णत: को सूचित किया जाता है और आवश्यकता अनुसार पोषक तत्व को शरीर के विभिन्न अंगों में भेज दिया जाता है
छोटी आंत के दीवाने काफी छोटी होती हैं जिनमें शोषक धर्मी कोशिकाएं होती हैं जिसके द्वारा भोजन मैं उपस्थित उपस्थित पोषक तत्व को अवशोषित किया जाता है
यह धर्मी कोशिका इतनी छोटी होती है जिसके द्वारा छोटी आँत की दीवारों को बढ़ाती है और अवशोषण करने की क्षमता को अधिक कर देती है
छोटी आंत भोजन को पचा के उसमें उपस्थित पोषक तत्व को अंतिम रूप देती है उसे ब्लड सेल्स में भेज देती है
अब छोटी आंत में भोजन अवशोषित होने के बाद
शेष पदार्थ बड़ी आंत जिसे कोलन कहा जाता है यह पाचन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
और यह अवशिष्ट पदार्थ को पेट से बाहर निकालने का काम करता है
इसका मुख्य काम पानी को सोखना और कठोरता देना है
बड़ी आंत भारी-भरकम और बहुत मोटी होती हैं लेकिन अगर लंबाई की बात करें तो यह छोटी आंत से काफी छोटी होती है
बड़ी आंत के कई हिस्से होते हैं जो उसके कार्यों के आधार पर विभाजित किए जाते हैं
बड़ी आंत
अब छोटी आंत में भोजन अवशोषित होने के बाद
शेष पदार्थ बड़ी आंत जिसे कोलन कहा जाता है यह पाचन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
और यह अवशिष्ट पदार्थ को पेट से बाहर निकालने का काम करता है
इसका मुख्य काम पानी को सोखना और कठोरता देना है
बड़ी आंत भारी-भरकम और बहुत मोटी होती हैं लेकिन अगर लंबाई की बात करें तो यह छोटी आंत से काफी छोटी होती है
बड़ी आंत के कई हिस्से होते हैं जो उसके कार्यों के आधार पर विभाजित किए जाते हैं
1. आदर्श कोलन (Cecum)
यह बड़ी आंत का प्रारंभिक हिस्सा होता है, जो छोटी आंत के बाद आता है। इसमें अपशिष्ट खाद्य सामग्री को शोषित करने का कार्य होता है
2. आयामित कोलन (Ascending Colon)
यह बड़ी आंत का एक हिस्सा है जो बाय और ऊपर की ओर उठा हुआ होता है इसी हिस्से में पानी और विटामिन K का अधिक संशोधन होता है
3. ट्रांसवर्स कोलन (Transverse Colon)
यह बड़ी याद के बाएं और होता है और आई मिस कॉल अन से जुड़े हुए आगे जाकर दाएं ओर मुड़ जाता है
4. निम्नतम कोलन (Descending Colon)
यह बड़ी आंत के दाएं से बाएं और मुड़ा होता है
इसका काम भी आयमीत कोलन के समान होता है
5. संयोजन कोलन (Sigmoid Colon)
यह कॉलर और बड़ी आत का आखिरी हिस्सा होता है जो निम्नतम कोलन से जुड़ा होता है इसका काम भोजन के अपशिष्ट पदार्थों को बड़ी आंत के अंतिम हिस्से की ओर भेज देता है
बड़ी आत के सबसे आखिरी हिस्से में मल त्याग होता है जिसे आंतोदर्मी (Defecation) कहा जाता है
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