गठिया रोग की पहचान
गठिया रोग यह एक ऐसा रोग है जिसके बारे में पूरे भारत के लोग अच्छे से जानते होंगे हालांकि भारत के लोग ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल लोग भी जानते होंगे इसके बारे में यह एक बहुत घातक बीमारी है जो जल्दी ठीक होने वाली में से नहीं होती है
गठिया रोग आमतौर पर मिडल एज के ऊपर वाले लोगों को ही होता है जैसे वृद्धावस्था या फिर जिनकी उम्र 40-45 या फिर उससे अधिक हो गई हो उनको इसकी समस्या अधिक होने की संभावना रहती है
गठिया रोग की पहचान करना बहुत आसान है नीचे दिए गए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु है जिसे आप पढ़कर गठिया रोगों की पहचान आसानी से कर सकेंगे
जोड़ों में दर्द
गठिया रोग का अधिकांश सिंबल यही होता है कि उन लोगों के जोड़ों में दर्द होने लगता है
यह दर्द जरूरी नहीं है कि हमेशा के लिए हो थोड़ा दर्द होता है फिर आराम भी हो जाता है लेकिन कभी-कभी याद दर्द बहुत बढ़ जाता है और खास करके रात में यह दर्द बढ़ जाता है
सूजन (swelling)
गठिया रोगों के मरीजों को पैरों में अधिक सूजन होता है और इन्हीं सूजन के कारण उनके पैरों में झनझनाहट सी एहसास भी कभी-कभी होती है और इसी कारण दर्द और भी बढ़ जाता है
जोड़ों में संकुचन
जोड़ों में संकुचन एक ऐसा शब्द है जिसे आमतौर पर गठिया गोंड के नाम से जाना जाता है
यह संकुचन गठिया के मरीज लोगों के पैरों के जोड़ों को अस्थाई रूप से बंद कर देता है गठिया रोग के मरीजों को अधिक चलने से भी कठिनाई का कारण का सामना करना पड़ सकता है
स्टीफनेस
कभी-कभी गठिया रोग के मरीजों को सुबह उठने के बाद बहुत ही दर्द का अनुभव करना पड़ता है
जिसके कारण वह सुबह में अपने जोड़ों (पैरों) को हिलाने दुलाने में कठिनाई महसूस करते हैं
उंगलियो में परिवर्तन
गठिया रोगों के मरीजों को खासकर उंगलियों में स्वेलिंग की समस्याएं देखी जा सकती है
उँगलियों की अण्डाकोषों की सुजन, उँगलियों की अण्डाकोषों का नष्ट हो जाना यह सारे सिंपल गठिया रोगों के मरीजों को उँगलियों में में हो सकती है
अन्य लक्षण
गठिया रोग के मरीजों को इन सभी दिक्कतों का सामना तो करना पड़ता ही है इसके साथ-साथ अन्य सारे लक्षणों को भी ध्यान में रखना होगा
जैसे-थकान, तापमान में वृद्धि, वजन कमी, त्वचा के रंग का बदलना, पेट में दर्द, आंतों की समस्याएं, आंत्र की बदहजमी, नेत्रों की समस्याएं, डायबिटीज़ और लक्षणों का विस्तार हो सकता है।
यदि आपको इन सभी लक्षणों में से किसी एक का विलक्षण का अनुभव हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और उनसे सलाह लें और उनके सलाह अनुसार दवाइयों का नियमित रूप से पालन करें
गठिया रोग क्यों होता है
ऊपर दिए गए वाक्यों में हमने यह तो जानिया की गठीया रोग की पहचान और लक्षण क्या होती है लेकिन आपने कभी यह सोचा है कि आखिर गठिया रोग क्यों होता है
तो इसके जवाब में मैं बता दूं कि गठिया रोग का कोई विशेष कारण नहीं होता है यह कई कारणों से उत्पन्न होता है
इनमें से कई कारण मैं बता रहा हूं जिससे गठिया रोग होने की संभावना बढ़ जाती है
1-हमारे शरीर में एक नरम लचीला टिशू उपस्थित होता है जिसे कार्टिलेज कहते हैं
जब हम चलते हैं तो हमारे जोड़ों पर दबाव पड़ता है जो किया कार्टिलेज अवशोषण कर हमारे जोड़ों की सुरक्षा करता है
ऐसे में जब किसी व्यक्ति को घटिया हो जाती है तो कार्टिलेज की मात्रा में कमी हो जाती है जिससे जोड़ों जैसे हड्डियों पर रगणन उत्पन्न हो जाता है और इसी के कारण दर्द भी होता है
2-गठिया रोग का एक चैन भी होता है अर्थात मैं बता दूं कि यदि आपके परिवार में किसी बुजुर्ग लोग को गठिया रोग की शिकायत थी तो हो सकता है आने वाली पीढ़ी में बच्चे हो उनको भी गठिया रोग का सामना करना पड़ सके
3-गठिया रोग का उत्पन्न होने के कारण एक मोटापा भी है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मोटे लोगों में वजन अधिक होता है और शरीर के हड्डियों के जोड़े ज्यादा वजन सहन नहीं कर पाते इसलिए जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी बीमारी हो उत्पन्न हो सकती है
गठिया रोग कितने प्रकार के होते हैं
गठिया रोगों का चार प्रकार है
1-रुमेटाइड आर्थराइटिस
2-ऑस्टियो आर्थराइटिस
3-एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस
4-प्रतिक्रियाशील गठिया
इन सभी के लक्षण लगभग लगभग समान इन सभी के लक्षणों में मुख्यता जोड़ों में दर्द और सूजन पाया जाता है
इसके अलावा मैंने ऊपर वाली पंक्तियों में कई लक्षण बताए हैं यह भी हो सकते हैं अगर जोड़ों में लगातार दर्द हो रहा है तो उसका कारण एनीमिया भी हो सकता है
जानकारी के लिए बता दें कि एनीमिया रोग विटामिन ए की कमी से होता है
गठिया रोग किसकी कमी के कारण होता है
गठिया रोग सामान्यतः विटामिन सी विटामिन डी और कैल्शियम के कमी के कारण होता है
सम्मानित इन सभी विटामिन की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती है और अंदर से खोखला होना शुरू हो जाती हैं और दो हड्डियों के बीच के जोड़ में कार्टिलेज की मात्रा कम होने लगती है जिससे हड्डियों में फ्रिक्शन(घर्षण) होने लगती है
गठिया रोग का परीक्षण
कभी-कभी जोड़ों में दर्द सामान होता है और कुछ देर बाद आराम हो जाता है लेकिन कभी-कभी इसका दर्द लगातार बना रहता है
इस स्थिति में आपको पास के उचित डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए और जरूरत पड़ने पर इसकी जांच भी करा लेनी चाहिए कुछ प्रमुख जाते हैं जो गठिया रोग को डिटेक्ट (पहचान) कर देता है
1-लैब टेस्ट
पेशाब और खून की जांच या जॉइंट फ्लूड्स
2-इमजीन टेस्ट
अल्ट्रासाउंड, x-ray,सीटी स्कैन और m.r.i
गठिया रोग का रामबाण इलाज
गठिया रोग एक ऐसी बीमारी है जिससे परेशान होकर लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं
कई लोग डॉक्टर के पास जाते हैं और कई लोग फिजियोथैरेपिस्ट के पास जाते हैं लेकिन आप लोगों को बता देगी गठिया रोग का घरेलू रामबाण इलाज भी है
1-अदरक
आप सभी के घर में अदरक तो होगा ही होगा लोग इसे सब्जी में डालकर भी खाते हैं लेकिन अधिकांश लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है कि यह किन-किन रोगों में काम आ स
सकता है अदरक से कई गंभीर बीमारियां भी ठीक हो सकते हैं इसी प्रकार गठिया भी अदरक का सेवन करने से धीरे-धीरे ठीक हो जाता है
2-हल्दी
हल्दी के सेवन से बहुत सारी बीमारियों का खत्म हो जाता है इसी में एक बीमारी घटिया भी है गठिया के मरीजों को हल्दी का सेवन अच्छा से करना चाहिए हल्दी के सेवन से जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है
3-लहसुन
नाचूंगी सेहत के लिए काफी अच्छा भोज्य पदार्थ माना जाता है इसके सेवन से ही कहीं नहीं बल्कि कई अन्य बड़ी बीमारियों से राहत मिल सकती है
लहसुन का रोजाना तीन से चार कलियां(पिस ) खाने से आपको गठिया रोग से धीरे-धीरे निवारण मिल जाएगा
4-मुलेठी
मुलेठी खासकर सर्दी जुकाम आदि में खाया जाता है इसका साथ काफी मीठा होता है जिसे बच्चे भी खा सकते हैं और यह गठिया रोगों के निवारण के लिए बहुत अच्छा घरेलू उपचार है
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